दाद की समस्या बहुत परेशान करने वाली होती है | इसमें दाद वाली जगह पर बार बार खुजली और जलन होती रहती है | अगर दाद का इलाज सही समय पर ना किया जाए तो इसका पूरे शरीर पर फैलने का खतरा भी बहुत ज्यादा रहता है |
वैसे तो ये शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है | लेकिन ज्यादातर ये शरीर के ढके हुए भाग में जैसे कि जांघ, गुप्तांग और हाथों पैरों पर भी हो सकती है |

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दाद क्या है? What is Ringworm in Hindi
दाद एक प्रकार का फंगल इन्फेक्शन है जो फंगस या फफूंद के कारण होता है | दाद को मेडिकल विज्ञान की भाषा में टिनिया या डर्माटोफायोटासिस भी कहा जाता है |
दाद को रिंगवर्म, स्किन एलर्जी, फंगल इन्फेक्शन आदि भी कहा जाता है | इसमें त्वचा पर लाल रंग के चकते पड़ जाते हैं | कई बार खुजली की वजह से जखम भी हो जाते हैं |
दाद पर खुजली करने से बचना चाहिए और दाद की दवा लगाने के बाद हाथों को अच्छे से धो लेना चाहिए | ये एक प्रकार की संक्रामक बीमारी है जो शरीर के दूसरे हिस्से के संपर्क में आने से या किसी ओर को छूने से भी फ़ैल सकती है |
दाद और खुजली होने के बहुत से कारण हो सकते हैं जिन्हें जानकर हम दाद के संक्रमण को होने से पहले ही रोक सकते हैं | दाद अक्सर बरसात के मौसम में अधिक होती है जिसका कारण होता है नमी |
ऐसे में अगर हम त्वचा की साफ़ सफाई का ध्यान रखते है तो दाद के संक्रमण से बचा जा सकता है | इसके अलावा भी दाद होने के बहुत से कारण हो सकते है जैसे किसी कपडे या पानी से एलर्जी, किसी दवा से एलर्जी व अधिक पसीने के कारण | आइये पहले जान लेते हैं दाद खाज खुजली किन वजहों से फैलती है |
दाद के कारण Causes of Ringworm in Hindi
- दाद संक्रमित व्यक्ति के साथ सम्पर्क में आने से फ़ैल सकता है |
- दाद अक्सर संक्रमित जानवरों से इंसानो में फ़ैल जाता है | गाँवों में इसका बड़ा कारण किसी पालतू के सम्पर्क में आना होता है |
- बरसात के मौसम में दाद नमी अधिक होने की वजह से होता है क्यूंकि ऐसे मौसम में फफुंदी जल्दी फैलती है |
- सर्दी के मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने व रूखी त्वचा की वजह से भी दाद हो जाता है | इम्युनिटी कमजोर होना दाद का बड़ा कारण है |
- बालों की सफाई नहीं करने और रुसी के कारण भी सिर और शरीर पर दाद फ़ैल जाता है |
- गलत दवा की वजह से या किसी दवा से एलर्जी की वजह से भी दाद हो जाता है |
- ज्यादा तंग कपडे पहनने की वजह से भी दाद हो जाता है |
- दाद संक्रमित व्यक्ति का सामान जैसे कंघी आदि प्रयोग करने से भी दाद हो जाता है |
हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे उपाय जिन्हें अपना कर आप दाद, एलर्जी का आयुर्वेदिक उपचार कर सकते हैं और दाद की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं |
दाद का इलाज Treatment of Ringworm Skin Problems in Hindi
तुलसी का रस
दाद का होना हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर काफी हद तक निर्भर करता है कुछ लोगो को बार बार दाद की समस्या हो जाती है क्यूंकि उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है |
इसलिए अगर आप दाद से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाये | इसके लिए आप रोजाना कुछ बुँदे तुलसी का रस पिए |
तुलसी के 8-10 पत्ते लेकर उन्हें एक कप पानी में अच्छे से उबाल लें | जब पानी की मात्रा एक चौथाई रह जाए तो उस पानी को ठंडा करके पी लें | ऐसा कम से कम एक महीने तक करें |
आप तुलसी का अर्क ऑनलाइन खरीद कर भी पी सकते हैं | इसके अलावा तुलसी के पत्तों के पानी को कॉटन की मदद से दाद वाले स्थान पर भी लगाएं |
तुलसी के पत्तो को भी मसल कर दाद खाज वाली जगह पर लगा सकते हैं | तुलसी आपकी इम्युनिटी को भी बढाती है और इसमें मौजूद तत्व बाहर से भी दाद को ठीक करने में मददगार होते हैं |
सेब का सिरका

सेब के सिरके में एंटी फंगल गुण होते हैं | इसे दाद पर लगाने से दाद जल्दी ठीक हो जाता है | इसके लिए आप सेब का सिरका लेकर इसे दाद पर कॉटन की सहायता से लगाएं | ऐसे दिन में 2 से 3 बार करे कुछ दिनों में ही दाद ठीक होने लगेगी |
पानी में कुछ बूंदें सेब का सिरका डालकर उस पानी में बैठें | नहाने के पानी में भी इसकी कुछ बूंदें डालकर नहाएं इससे भी आपको फायदा मिलेगा | लेकिन इसे त्वचा पर लगा कर देखें अगर इससे आपको ज्यादा जलन हो या आपकी त्वचा पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़े तो इसे प्रयोग ना करें |
बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडा या sodium bicarbonate को घरों में बहुत प्रयोग किया जाता है | ये पानी में पूरी तरह घुल जाता है | इसे मुँह की सफाई और शरीर की सफाई वाले प्रोडक्ट्स में भी प्रयोग किया जाता है |
बहुत सी रिसर्च में ये सामने आया है कि बेकिंग सोडा फंगल इन्फेक्शन, खुजली की समस्या और बहुत सी स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करता है | इसे प्रयोग करने के लिए आप एक बाल्टी के करीब पानी लेकर उसमें आधा कप बेकिंग सोडा मिलाकर उसमें कुछ समय बैठें | इससे दाद खुजली की परेशानी दूर होगी |
एक कप पानी में 2 चम्मच बेकिंग सोडा डालकर कॉटन की मदद से दाद पर लगाएं | इससे भी दाद जल्दी ठीक हो जाएगी | ये फंगल इन्फेक्शन को ठीक करने में दाद की दवा के रूप में ही कार्य करता है | (और पढ़ें: बेकिंग सोडा और बेकिंग पाउडर में क्या अंतर है)
नारियल तेल

नारियल तेल में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो दाद की बीमारी को ठीक करते हैं | नारियल तेल का प्रयोग चर्म रोग, त्वचा की एलर्जी और त्वचा से सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने के लिए डॉक्टर्स के द्वारा recommend किया जाता है |
नारियल तेल में मौजूद फैटी एसिड्स की वजह से ये दाद खाज खुजली के इलाज में मददगार है | जख्मों को ठीक करने, त्वचा की नमी को बनाए रखने, स्किन इर्रिटेशन को दूर करने में भी नारियल तेल अच्छे से काम करता है |
दाद वाले स्थान पर उंगली या कॉटन की मदद से तीन से चार बार नारियल का तेल लगाएं |
लहसुन
लहसुन में एलिसिन नमक तत्व होता है जो इसे एक एंटी फंगल औषधि बनाता है | लहसुन को प्रयोग करके आप दाद के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं | इसे प्रयोग करने के लिए आप लहसुन की 4 से 5 कलियाँ लेकर उन्हें पीस कर पेस्ट बना लें |
अब इस पेस्ट को दाद वाली जगह पर लगाएं | लहसुन का रस निकाल कर उसमें थोड़ा सरसों का तेल मिलाकर भी दाद वाली जगह पर लगा सकते हैं |
आप सुबह खाली पेट लहसुन की एक कली पानी के साथ भी ले सकते हैं | इससे ये शरीर के अंदर से दाद को खत्म करने का काम करेगी | लेकिन याद रखें कि लहसुन खून को पतला भी करती है | इसलिए अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें |
नीम
नीम को जख्मों को ठीक करने, फोड़े फुंसियों, खुजली और दाद के इलाज के लिए भारत में सदियों से प्रयोग किया जाता रहा है | आज भी नीम में वही एंटी बायोटिक और एंटी फंगल गुण मौजूद हैं |
इसे प्रयोग करने के लिए आप नहाने के पानी में नीम के पत्ते उबाल लें और इस पानी से स्नान करें | सप्ताह में दो से तीन बार ऐसा करें | नीम के पत्तों का रस आप पी भी सकते हैं | लेकिन इसे बहुत कम मात्रा में पिएं |
ये खून को साफ़ करने का काम करती है | इसके अलावा नीम का तेल भी आप प्रयोग कर सकते हैं जो आप बाजार से खरीद सकते हैं | उसे कॉटन में डुबोकर दाद वाली जगह पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है |
हल्दी

हल्दी के बहुत से फायदे हैं | हल्दी में एंटी सेप्टिक गुण होते हैं जो दाद खुजली को ठीक करने में प्रभावशाली तरीके से काम करते हैं | साथ ही हल्दी हमारी इम्युनिटी को भी बढ़ाने का काम करती है |
पुराने समय में चोट लगने घाव होने पर दूध में हल्दी डालकर पीने की सलाह दी जाती थी | क्यूंकि ये एंटी सेप्टिक होती है जिससे जख्मों को जल्दी भरती है | ये दाद के संक्रमण को फैलने से रोकती है जिससे दाद फैलता नहीं है |
दाद होने पर एक चम्मच हल्दी में थोड़ा सा पानी मिलाकर पेस्ट बना लें और इसे दाद वाली जगह पर लगाएं | इसे लगातार कुछ दिनों तक प्रयोग करें | हल्दी वाला दूध भी पीना शुरू करें | लेकिन ख्याल रखें बिलकुल थोड़ी सी हल्दी दूध में डालकर पियें |
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