थाइरोइड की समस्या बड़ी सामान्य है | अगर आप इस समस्या से परेशान हैं तो घबराएं नहीं क्यूंकि दुनिया में लगभग 12 % लोग कभी ना कभी इस समस्या का सामना करते हैं |
ये समस्या दो प्रकार की होती है, हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म | जिसमें आज हम बात करेंगे हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों के बारे में |
विस्तृत जानकारी: थाइरोइड की समस्या
यह समस्या किसी को भी हो सकती है जिनमें बच्चे, बूढ़े और जवान सभी शामिल हैं | लेकिन 60 वर्ष के ऊपर की महिलाओं में इसके होने की सम्भावना बहुत अधिक होती है |
महिलाओं में थाइरोइड की समस्या होने की सम्भावना पुरुषों की अपेक्षा बहुत ज्यादा होती है |
हाइपोथायरायडिज्म होने की अवस्था में थाइरोइड ग्लैंड कम हॉर्मोन्स रिलीज़ करती है | जिसकी वजह से हमारे शरीर में ऊर्जा का संचार और मेटाबोलिज्म प्रभावित होता है |
हाइपोथायरायडिज्म के कारण बहुत से हैं जिनमें से हाशिमोटो थयरॉइडिटिस इस समस्या का बड़ा कारण है | हालाँकि भारत में इस समस्या का बड़ा कारण भोजन में आयोडीन की कमी है क्यूंकि एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि हाशिमोटो थयरॉइडिटिस की सम्भावना काले लोगों की अपेक्षा गोरे लोगों में अधिक होती है | (1)
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हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण

अगर इस समस्या का सही समय पर पता लग जाए तो इसका उपचार संभव है इसके लिए आप थाइरोइड टेस्ट करवा सकते हैं | इसके लक्षणों से भी इस समस्या का पता लगाया जा सकता है | आइये देखते हैं कि हाइपोथायरायडिज्म के क्या लक्षण हैं |
बढ़ता हुआ वजन
अगर आप सामान्य भोजन ले रहे हैं और अपने अपनी डाइट में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है फिर भी आपका वजन बढ़ रहा है तो ये हाइपोथायरायडिज्म की बीमारी का संकेत भी हो सकता है |
इस बीमारी में आपकी थाइरोइड ग्रंथि जब कम हॉर्मोन्स छोड़ती है तो इससे आपका मेटाबॉल्ज़िम प्रभावित होता है | ऐसे स्थिति में आपका शरीर आपके खाये गए भोजन की ऊर्जा का प्रयोग आपके दिनचर्या के कार्यों में करने की बजाए उसे आपके शरीर में ही संरक्षित करने लगता है |
ऐसे में जितनी कैलोरीज आप लेते हैं तो सीधा सीधा आपके शरीर के वजन को बढ़ाने में प्रयोग होने लगती हैं | तो अगर आपके शरीर का वजन बिना किसी ठोस वजह के बढ़ रहा है तो आपको थाइरोइड टेस्ट या अपने डॉक्टर से इस विषय में बात करनी चाहिए |
तनाव में रहना
जीवन में सब कुछ सही होने पर भी अगर आप अवसाद और चिंता से घिरे रहते हैं तो ये भी हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है | इस समस्या में क्यों तनाव हो जाता है इसका कोई सीधा जवाब नहीं है |
लेकिन तनाव का बड़ा कारण थकान और काम करने की ऊर्जा में कमी होना भी हो सकता है | 60 साल से अधिक उम्र के लोगों पर की गयी एक रिसर्च में पाया गया कि हाइपोथायरायडिज्म में उनमें तनाव और अवसाद बहुत बढ़ गया | (2)
अक्सर गर्भावस्था और बच्चे के जन्म के बाद भी थाइरोइड की समस्या हो जाती है जिसे पोस्टपार्टम थयरॉइडिटिस कहा जाता है | गर्भावस्था में शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण ये समस्या हो जाती है जो पोस्टपार्टम डिप्रेशन को जन्म देती है |
अगर आप अधिक चिंता और अवसाद का शिकार हैं तो आपको अपने डॉक्टर से इसके कारण के बारे में जरूर पूछना चाहिए |
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बहुत अधिक थकान
अगर आप बेवजह बहुत अधिक थका हुआ महसूस करते हैं | पूरा दिन आपके शरीर में काम करने की शक्ति नहीं होती या कुछ भी किया बिना आपको थकान हो जाती है या आप सामान्य की तुलना में अधिक सोते हैं तो भी आप हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित हो सकते हैं |
इस समस्या में शारीरिक थकान होना इसका सबसे बड़ा लक्षण है | अगर आप बिना वजह थका हुआ महसूस करते हैं तो आपको अपने हेल्थ एक्सपर्ट से थाइरोइड की समस्या के बारे में पूछना चाहिए |
यादाश्त कमजोर होना
अक्सर हम याद रखने वाली बातों को भूल जाते हैं | ऐसा सबके साथ होता है इसमें कोई बड़ी बात नहीं है | लेकिन आपकी जानकारी के लिए ये जानना जरूरी है कि ये हाइपोथाइरोइड रोग का लक्षण भी हो सकता है |
अगर आपकी यादाश्त अचानक से बहुत कमजोर हो गयी है और आप बहुत सामान्य चीजों को भी भूलने लगे हैं | अगर आप किसी भी विषय पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते तो आपको किसी हेल्थ एक्सपर्ट की राय लेनी चाहिए |
जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना
हाइपोथाइरोइड रोग में हमारे शरीर का मेटाबोलिज्म प्रभावित होता है | जिसकी वजह से ऊर्जा की आपूर्ति के लिए हमारा शरीर मसल्स को तोड़ने लगता है | इस वजह से जोड़ों और मांसपेशियों में अक्सर दर्द की शिकायत होती है |
इस रोग की वजह से हमारा शरीर बहुत कमजोर हो जाता है और जोड़ों में दर्द की शिकायत हो सकती है | अगर आप भी अभी बूढ़े नहीं हुए हैं और आपको बहुत अधिक कमजोरी या मांसपेशियों में दर्द महसूस होता है तो आपको थाइरोइड का परीक्षण करवाना चाहिए |
पीरियड्स का अनियमित होना
पीरियड्स का अनियमित होना और पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक मासिक धर्म रक्तस्राव होना भी हाइपोथाइरोइड के लक्षण हो सकते हैं | हालाँकि अनियमित पीरियड्स की समस्या के बहुत से कारण हो सकते हैं |
लेकिन थाइरोइड भी इसके उन कारणों में एक हो सकता है | थाइरोइड ग्रंथि से निकलने वाला हॉर्मोन दूसरे हॉर्मोन्स के साथ मिलकर महिलाओं में पीरियड्स को कण्ट्रोल करता है | लेकिन हाइपोथाइरोइड में उस हॉर्मोन का स्राव कम होने की वजह से वो सीधा मासिक धर्म रक्तस्राव को पीरियड्स की टाइमिंग को प्रभावित करता है |
अगर आप लम्बे समय से इस समस्या से जूझ रही हैं तो आपको अपनी डॉक्टर से इस विषय में सलाह लेनी चाहिए |
रूखी त्वचा होना
हाइपोथायरायडिज्म की समस्या में त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है | ऐसा अक्सर लोगों में देखने को मिलता है | हालाँकि रूखी त्वचा के बहुत से दूसरे कारण भी हो सकते हैं |
लेकिन अधिकतर हाइपोथाइरोइड के रोगियों में ऐसा देखने को मिलता है | ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि शरीर की ग्रोथ थाइरोइड की वजह से प्रभावित होती है | त्वचा की ग्रोथ नहीं होने की वजह से मृत कोशिकाएं त्वचा पर जमा हो जाती हैं और चेहरा रुखा नजर आता है |
कब्ज की समस्या
जिन लोगों को हाइपोथाइरोइड होता है उन्हें अक्सर कब्ज की समस्या हो जाती है | वैसे कब्ज की समस्या होना बड़ी आम बात है | सिर्फ कब्ज की समस्या से थाइरोइड होने की सम्भावना को मान लेना सही नहीं है |
लेकिन अगर आप कब्ज के इलाज के सभी नुस्खे अपना चुकें हैं और आपको ये समस्या बहुत लम्बे समय से है | जिसकी वजह से आप बहुत दिनों तक स्टूल पास नहीं कर पा रहे तो आपको किसी अच्छे डॉक्टर से इस बारे में पूछना चाहिए |
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