मायोपिया आँखों के रोशनी से जुड़ी एक समस्या है | इसे निकटदृष्टि दोष भी कहते हैं | इसमें आँखों के पास की चीज़ें तो साफ़ दिखाई देती हैं लेकिन दूर की चीजें साफ़ दिखाई नहीं देती | आइये जानते हैं मायोपिया का उपचार Myopia Treatment in Hindi.
अगर विज्ञान की भाषा में बात की जाए तो जिन लोगों को 2 मीटर या 6.6 फीट की दूरी के बाद चीज़ें धुंधली दिखाई देती हैं, तो इसे Myopia कहा जाता है | Myopia को shortsightedness या nearsightedness भी कहा जाता है |
मायोपिया को अपवर्तन (Refraction) सम्बन्धी विकार भी कहा जाता है | हम किसी भी वस्तु को तभी देख पाते हैं जब उस वस्तु से निकलने वाली किरणें हमारी आँखों के रेटीना पर पड़ती है |

लेकिन जिन्हें मायोपिया होता हैं उनमें नेत्र-गोलक (Eyeball) अधिक लम्बा होने या कॉर्निया की गोलाई अधिक होने की वजह से किरणें रेटिना पर नहीं पड़ती | जिस कारण दूर की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं |
उम्र बढ़ने पर भी इस समस्या का होना आम बात है | क्यूंकी जैसे जैसे उमर बढ़ती है, आखों का लचीलापन कम हो जाता है | आँखों की मासपेशियां कठोर होने के कारण आँखों में कई प्रकार के दोष पैदा हो जाते हैं | मायोपिया भी उनमें से एक है |
वैसे स्कूली बच्चों में भी ये समस्या बहुत अधिक होती है | एक रिपोर्ट के अनुसार 13% स्कूली बच्चों में ये समस्या पाई जाती है | बढ़ती उम्र और जेनेटिक कारणों के अलावा भी इस समस्या के बहुत से कारण हो सकते हैं | हमारे लाइफस्टाइल में हो रहा बदलाव भी इसका बड़ा कारण है |
आइए जानते हैं किन किन कारणों से होती है मायोपिया की समस्या हो सकती है |
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मायोपिया के कारण Myopia Causes in Hindi
- कंप्यूटर या मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से मायोपिया की समस्या हो सकती है |
- शरीर में ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी से मायोपिया हो सकता है |
- बहुत ज़्यादा बारीकी का काम करने जैसे सिलाई वगैरह करने से भी मायोपिया की बीमारी हो सकती है |
- माता पिता को अगर मियोपिया हो तो बच्चों में भी इसकी संभावना बढ़ जाती है |
- उम्र बढ़ने के साथ आँखों की मासपेशियां कमजोर होने से भी ये समस्या हो जाती है |
- पूरा समय घर पर बिताने और बाहर कम घूमने खेलने वाले बच्चों में भी nearsightedness की समस्या हो जाती है |
कैसे पता करें कि किसी को मायोपिया है | उसके लिए मायोपिया के लक्षण जान लेते हैं |
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मायोपिया के लक्षण
- दूर की वस्तुएं साफ़ दिखाई नही देती |
- सिर में दर्द की शिकायत रहती है |
- रात के समय ड्राइविंग करने में परेशानी होती है |
- दूर की चीज़ें देखते हुए आँखें जल्दी थक जाती हैं |
- बच्चों को स्कूल में ब्लैकबोर्ड देखने में परेशानी आना |
इन सब लक्षणो से मायोपिया रोग का पता लगाया जा सकता है | आइए अब जानते हैं मायोपिया या निकट दृष्टि दोष होने पर क्या करना चाहिए | इसका उपचार और इससे बचने के उपाय |
मायोपिया का उपचार Myopia Treatment in Hindi
अगर एलोपैथिक ट्रीटमेंट की बात की जाए तो इस समस्या से निजात पाने के तीन तरीके हैं |
चश्मे का प्रयोग
आप चश्में का प्रयोग कर सकते हैं | चश्मा लगाना इस समस्या को दूर करने का सबसे सरल उपाय है | चश्मा लाइट को आपके रेटिना पर फ़ोकस करने का काम करता है जो कि आईबॉल के आकार की वजह से नहीं हो पा रहा था |
चश्मा लगाने का फायदा ये भी है कि इससे अल्ट्रावायलेट रेडिएशन्स से भी आँखों को बचाता है |
कॉन्टैक्ट लेंस का प्रयोग
कुछ लोगों को चश्मा लगाना अच्छा नहीं लगता | ऐसे में वो कांटेक्ट लेंस का प्रयोग कर सकते हैं | बाजार में बहुत से प्रकार के कांटेक्ट लेंस मिल जाएंगे | इनके बहुत से फायदे और नुक्सान हैं | कुछ रिसर्च के अनुसार Soft contact lenses बच्चे भी प्रयोग कर सकते हैं और इससे उनमें मायोपिया बढ़ता नहीं है |
चश्में और कांटेक्ट लेंस का नंबर नेगेटिव होगा |
रिफ्रैक्टिव सर्जरी
कुछ लोगों को ग्लासेज या कॉन्टैक्ट लेंस दोनों ही पहनना पसंद नहीं होता | इसके अलावा वो इस मायोपिया की समस्या का स्थायी समाधान चाहते हैं | ऐसे लोगों के लिए रिफ्रैक्टिव सर्जरी बहुत मददगार होती है |
सर्जरी की मदद से लेज़र बीम का प्रयोग करके कॉर्निया के आकार को बदल दिया जाता है | जिससे nearsightedness की परेशानी दूर हो जाती है | सर्जरी के भी कई प्रकार होते हैं |
- LASIK (Laser-assisted in situ keratomileusis)
- LASEK (Laser-assisted subepithelial keratectomy)
- PRK (Photorefractive keratectomy)
मायोपिया से बचने के लिए जरूरी कदम
- घर से बाहर निकलते हुए अधिक धूप या पोल्यूशन में सन ग्लासेस का प्रयोग करें |
- डायबिटीज की बीमारी से आँखों पर असर पड़ता है | डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की समस्या से बचें और नियंत्रण में रखें |
- खाने में हरी पत्तेदार सब्जियाँ, फल जिनमें विटामिन ए और ओमेगा 3 फैटी एसिड्स की अच्छी मात्रा हो उन्हें इस्तेमाल करें |
- कंप्यूटर या मोबाइल का इस्तेमाल जितना हो सके कम करें | अगर आपको कंप्यूटर का इस्तेमाल करना पड़ता है तो आधे आधे घंटे के बाद 5 मिनट के लिए आँखों को आराम दें |
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