हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार आधे से अधिक महिलाएं पीरियड्स के दौरान पेट में दर्द की शिकायत करती हैं | पीरियड्स के दौरान दर्द एक या दो दिन तक हो सकता है | पीरियड्स में होने वाले इस दर्द को menstrual cramps या dysmenorrhea भी कहते हैं | कुछ महिलाओं में समय से पीरियड्स नहीं आने पर भी ऐसा दर्द होता है |
मासिक धर्म के दौरान पेट व कमर के निचले हिस्से में अक्सर दर्द हो जाता है | मासिक धर्म में होने वाला ये दर्द किसी गम्भीर शारीरिक परेशानी की ओर इशारा नहीं करता लेकिन इससे आपका जीवन प्रभावित जरूर होता है | आज हम जानेंगे Period Pain Relief Home Remedies in Hindi जिन्हें अपना कर आप इस दर्द की समस्या से राहत पा सकती हैं |
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पीरियड्स के दौरान दर्द के कारण
पीरियड में pet dard एक दो या तीन दिन तक रह सकता है | अधिकतर महिलाओं को इस दर्द का सामना करना पड़ता है लेकिन किसी को ये दर्द हल्का तो किसी को बहुत अधिक तेज भी हो सकता है | आइए जान लेते हैं पीरियड्स के दौरान दर्द के कारण |
- पहले पीरियड्स का बहुत जल्दी आ जाना भी इस दर्द का एक कारण होता है | जिन लड़कियों में 11 वर्ष की आयु से पहले पीरियड्स आने शुरू हो जाते हैं उन्हें पेट व कमर में दर्द की शिकायत रहती है |
- बढ़ा हुआ वजन भी मासिक धर्म के दौरान दर्द का एक कारण हो सकता है | अधिक वजन वाली लड़कियों व महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दर्द होता है |
- अगर पीरियड के दौरान बहुत ज्यादा दर्द हो तो ये Endometriosis नाम की समस्या की वजह से भी हो सकता है | Uterus की lining को बनाने वाला tissue जिसे endometrium भी कहा जाता है अगर uterus से बाहर हो तो उसे Endometriosis की समस्या कहा जाता है | इस अवस्था में डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करना चाहिए |
- अल्कोहल और स्मोकिंग आदि करने वाली महिलाओं व लड़कियों में भी अक्सर ये समस्या हो जाती है |
- बर्थ कण्ट्रोल के लिए IUD यानि कि intra-uterine device का इस्तेमाल करने से पेट दर्द व कमर दर्द की समस्या पीरियड्स में हो सकती है |
- मासिक धर्म में दर्द Uterine Fibroids के कारण से भी हो सकता है | गर्भाशय के अंदर बनने वाली मांसपेशियों की गाँठ या tumor को Fibroid कहते हैं। इस गांठ का आकार छोटा और काफी बड़ा भी हो सकता है | इसकी वजह से पीरियड में ज्यादा ब्लीडिंग और दर्द भी अधिक होता है | इस गाँठ का कैंसर वाली गाँठ होने का खतरा बहुत ही काम होता है | (1)
- Female reproductive tract में होने वाले इन्फेक्शन की वजह से भी menstrual cramps हो सकते हैं |
- Adenomyosis की वजह से भी दर्द हो सकता है | Adenomyosis एक समस्या है जो कि Endometriosis की तरह से ही है लेकिन इसमें endometrium uterus से बाहर होने की बजाए uterine muscle के अन्दर गहराई में होता है |
- Abnormal pregnancy, Narrow cervix और Ovarian cyst भी मासिक धर्म में दर्द के कारण हो सकते हैं |
मासिक धर्म के समय दर्द के लक्षण
Masik dharm में दर्द की तीव्रता बहुत कम से बहुत अधिक तक हो सकती है | ये दर्द menstruation से एक दो दिन पहले शुरू होकर दो से चार दिन तक भी रह सकता है | अगर ये दर्द पीरियड में होनी वाली सामान्य प्रक्रिया की तरह हो तो इसे primary dysmenorrhea कहते हैं | अगर ये दर्द किसी बीमारी जैसे कि Adenomyosis, Endometriosis या Fibroids की वजह से हो तो इसे secondary dysmenorrhea कहते हैं | आइये अब masik dharm के इस दर्द से जुड़े कुछ और लक्षणों के बारे में जान लेते हैं |
- कमर के निचले हिस्से व पेट में दर्द
- सिर में दर्द होना
- कब्ज या फिर हलके दस्त होना
- उलटी व जी घबराना
- थकान होना
- टांगों में दर्द होना
- चक्कर आना
- हार्मोनल बदलावों की वजह से गुस्सा आना
- अधिक पसीना आना
Period Pain Relief Home Remedies in Hindi
मासिक धर्म में दर्द की तीव्रता के अनुसार बहुत से घरेलु उपाय किये जा सकते हैं |मासिक धर्म के समय दर्द के उपाय अपनाकर आप इस दर्द से छुटकारा पा सकती हैं | यहाँ पर हम जो भी उपाय आपको बता रहे हैं आप उनमें से अपनी सहूलियत के हिसाब से कोई भी उपाय अपना सकती हैं | इन उपायों को करने में आपको ज्यादा परेशानी नहीं होगी क्यूंकि हमने कोशिश की है कि आसान और सही उपाय ही आपके सामने ला सकें | आइये जानते हैं Period pain relief home remedies in hindi जिन्हें अपना कर आप इस दर्द से छुटकारा पा सकती हैं |
तेल की मसाज
मासिक धर्म के दर्द से राहत पाने का सबसे आसान और जल्दी असर करने वाला तरीका है तेल की मसाज | तेल की मसाज या शरीर की मालिश बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं को होने से रोकती है | महावारी में होने वाले दर्द में पेट व कमर के निचले हिस्से की मालिश करने से राहत मिलती है |
मालिश के लिए बहुत से तेलों का प्रयोग किया जा सकता है लेकिन जिस तेल को आयुर्वेद में मालिश के लिए सर्वोत्तम माना जाता है वो है तिल का तेल | एक वेबसाइट के अनुसार तिल के तेल में 45% linoleic acid होता है | (2) आयुर्वेद के ज्ञाता चरक ने चरक संहिता में तिल के तेल को सबसे उत्तम तेल माना है |
तिल की तेल की मसाज से इस समय में होने वाले दर्द से राहत मिलती है | ये तेल गर्माहट लाता है इसके साथ ही ये anti-inflammatory और Detoxifying भी होता है |
इस तेल को अधिक मात्रा में कमर व पेट के निचले हिस्से पर लगाए व हलके हाथों से मसाज करें | इस तेल को लगाने के बाद 20 से 25 मिनट तक तेल को लगा रहने दें व बाद में धो लें |
गर्म पानी से सिकाई
मासिक धर्म के दर्द में गर्म पानी की बोतल या गर्म पैड से पेट के निचले हिस्से पर सिकाई करने से दर्द में आराम मिलता है | सिकाई करने से uterus की contracting muscles को आराम मिलता है |
एक रिसर्च में भी ये बात साबित हो चुकी है कि हीट पैड से सिकाई करने से पीरियड्स में होने वाले दर्द में एक दर्द निवारक दवा के बराबर आराम मिलता है | (3)
सिकाई करने के लिए एक कांच की बोतल में गर्म पानी भर लें | इस बोतल को कमर व पेट के नीचे के भाग पर रखें | इसे आगे पीछे घुमाते रहे | आप गर्म पानी की बोतल की जगह पर हीट पैड का प्रयोग भी कर सकती हैं |
अगर आपके पास बोतल या हीट पैड नहीं है तो आप गर्म पानी ले ले | अब टॉवल को इस गर्म पानी में भिगोकर, निचोड़ कर इससे सिकाई करें | इससे भी आपको इस दर्द से राहत मिलेगी |
आप हीटिंग पैड को ऑनलाइन भी खरीद सकती है | ये दुसरे शारीरिक दर्दों में भी जैसे घुटने, कमर व कन्धा में प्रयोग किया जा सकता है |
योगासन करें
योग व प्राणायाम के फायदे हम सब जानते हैं और ये अदभुत तकनीक ऐसे समय में होने वाले दर्द को दूर करने में भी सहायक है | Period mein hone wale dard में योग व प्राणायाम करना थोडा मुश्किल लग सकता है लेकिन इससे रक्त का प्रवाह बढ़ता है | रक्त के प्रवाह के बढ़ने से शरीर में endorphins अधिक रिलीज़ होने लगता है जो दर्द की अनुभूति को कम कर देता है |
ऐसे समय में शवासन करना बहुत अधिक उत्तम होता है | इससे दर्द से राहत मिलती है और तनाव से भी मुक्ति होती है | प्राणायाम की क्रियाओं में अनुलोम विलोम व कपालभाती प्राणायाम दर्द से राहत दिलाते हैं | Period pain relief के लिए हलकी एक्सरसाइज को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए |
हलकी एक्सरसाइज जैसे साइकिल चलाना, स्विमिंग करना व जॉगिंग करना आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है |
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अदरक से उपचार
अदरक महावारी में होने वाले दर्द से राहत दिलाने में प्रभावी तरीके से काम करती है | ना सिर्फ ये इस समस्या में होने वाले दर्द को दूर करती है बल्कि जी मितलाना व टांगों में दर्द में भी आराम देती है |
अदरक लेने से prostaglandins जो कि पीरियड्स के दौरान मसल्स की contractions के लिए जिम्मेदार होता है उसका शरीर में प्रोडक्शन कम हो जाता है | इसी हॉर्मोन के अधिक स्त्राव की वजह से ही मसल्स में ज्यादा contractions होती है और दर्द महसूस होता है|
बहुत सी रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है ओर कुछ रिसर्च में तो ये भी सामने आया है कि अदरक का प्रयोग दर्द निवारक दवाओं से भी अधिक प्रभावशाली तरीके से काम करता है | (4) (5)
अदरक में खून को पतला करने का गुण भी पाया जाता है | अगर आपको कोई सर्जरी करवानी है या आपको कोई सम्बंधित समस्या है तो इसे प्रयोग नहीं करें | अदरक पीरियड्स समय पर नहीं आने की समस्या में लाभ देती है |
अदरक के छोटे टुकड़े करके डेढ़ कप पानी में अच्छे से उबाल लें | अब इस पानी में शहद व निम्बू के रस की कुछ बूंदे मिलाकर दिन में दो बार पियें | इससे आपको दर्द में राहत मिलेगी |
मेथी दाना का प्रयोग
मेथी दाने के प्रयोग से menstrual cramps को कम किया जा सकता है | एक रिसर्च में ये पाया गया कि अगर पीरियड्स में होने वाले दर्द में मेथी बीज का पाउडर दिया जाए तो इससे दर्द में बहुत आराम मिलता है |
इस रिसर्च में ये भी पाया गया कि पीरियड्स में होने वाले दुसरे लक्षणों जैसे कि थकान, सिरदर्द, उलटी आना व कमजोरी भी मेथी दाने के पाउडर को लेने से दूर होती है | (6)
इसे लेने के लिए एक चम्मच मेथी दाने को रात के समय एक गिलास पानी में भिगो कर रख दें | सुबह उठकर पानी को छान कर पी लें | आप इस पानी को खाली पेट पिए इससे Period pain में relief मिलती है |
पीरियड के दिन से दो दिन पहले से आप मेथी दाने के पानी को पीना शुरू कर सकती हैं | इससे दर्द व दुसरे लक्षणों में आराम मिलेगा |
जीरे से उपचार
जीरे में भी masik dharm के दर्द से राहत दिलाने का गुण होता है | जीरा शरीर को आराम देने वाला, anti-spasmodic और anti-inflammatory गुणों से भरपूर होता है |
जीरे में digestive system को ठीक करने का गुण होता है | जीरे को प्रयोग करने के लिए एक चम्मच जीरे को तवे पर भून लें | अब इसका पाउडर बना कर इसमें आधा चम्मच गुड़ मिला लें |
इसे पीरियड्स से दो दिन पहले से दो दिन बाद तक दिन में दो बार लें | इसे लेने से पीरियड्स में होने वाले दर्द व तनाव से मुक्ति मिलती है|
तुलसी का प्रयोग
तुलसी में caffeic acid होता है जो कि पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को दूर करने का गुण रखता है | इसके साथ ही तुलसी में analgesic गुण भी होते हैं | तुलसी के प्रयोग से मासिक धर्म के दौरान होने वाले कमर व पेट के दर्द से राहत मिलती है |
इसे प्रयोग करने के लिए एक गिलास पानी में 5 से 6 तुलसी के पत्ते मिला लें | इस पानी को अच्छे से उबाल लें | कुछ देर उबालने के बाद जब पानी की मात्रा आधी रह जाए तो इस पानी को छान कर पी लें | इस पानी को दिन में दो से तीन बार तक पी सकते हैं इससे दर्द में आराम मिलता है |
ग्रीन टी का प्रयोग
ग्रीन टी भी पीरियड्स में होने वाली असहजता को दूर करती है | ग्रीन टी एक दर्द निवारक के रूप में कार्य करती है और शरीर से फ्री रेडिकल्स को बाहर निकालने का काम भी करती है |
Chamomile tea इसमें बहुत ही प्रभावशाली तरीके से काम करती है | एक रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि Chamomile tea प्राक्रतिक रूप से दर्द को दूर करती है और इसमें uterus muscles को रिलैक्स करने और prostaglandins की प्रोडक्शन को कम करने का गुण भी होता है | (7)
इसे प्रयोग करने के लिए एक कप गर्म पानी में ग्रीन टी बैग डाल लें अब इसमें स्वादानुसार शहद मिला लें | इसे दिन में दो बार लेने से इस समय होने वाले दर्द में राहत मिलती है |
अलसी के बीज
अलसी बीज यानि flaxseeds भी पीरियड्स में होने वाले दर्द में आराम वाली उपयोगी home remedies में से एक हैं | Flaxseeds में omega 3 की अच्छी मात्रा होती है जिसकी वजह से ये सूजन को कम करते हैं, ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाते हैं और दर्द से राहत दिलाते हैं |
अलसी के बीज uterus की कार्यक्षमता को भी बढ़ाते हैं साथ ही इनफर्टिलिटी की समस्या में फायदा पहुंचाते हैं | अलसी के बीजों में lignans पाए जाते हैं जिनमें estrogenic गुण होते हैं जो हार्मोनल imbalance को ठीक करते हैं | पीरियड्स में होने वाले दर्द के दिनों में दिन में एक से दो चम्मच अलसी के बीज खा सकती हैं |
अलसी के बीजों को सलाद के ऊपर डाल कर या दही के अन्दर मिला कर भी खाया जा सकता है |
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पोष्टिक आहार लें
पीरियड्स में होने वाले दर्द का एक कारण अच्छा पोष्टिक आहार नहीं लेना भी हो सकता है | ऐसे में महिलाओं को पोष्टिक आहार लेना चाहिए जिससे उनके शरीर में आयरन व दुसरे जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स की कमी ना हो | फ़ास्ट फ़ूड व बाहर के खाने से ऐसे समय में परहेज करना चाहिए और हरी सब्जियों व फलों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए | इसके अतिरिक्त पीरियड्स में अगर आप दर्द से जूझ रही हैं तो इन पदार्थो को अपने आहार में शामिल करें |
- पपीते को period pain में बहुत फायदेमंद माना जाता है | पपीते में विटामिन ए, सी व दुसरे जरूरी पोषक तत्व होते हैं | ये uterus मसल्स को रिलैक्स करता है |
- दही को अपनी डाइट में शामिल करें | दही में विटामिन डी व कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है | सुबह के समय एक कटोरा दही आपके लिए फायदेमंद हो सकती है |
- Olive oil व ब्रोकॉली में विटामिन इ की अच्छी मात्रा होती है | ब्रोकॉली व ओलिव आयल को अपनी डाइट में शामिल करके आप इस मासिक धर्म में होने वाले दर्द से राहत पा सकती हैं |
- ड्राई फ्रूट्स जैसे की बादाम व अखरोट को अपनी डाइट में शामिल करें |
- दिन में अधिक मात्रा में पानी पिएं |
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